Events for 19 April, 2025 - 19 April, 2025

पूर्णिमा (Uposath Day)

इस पूर्णिमा के दिन ये विशेष घटनाएँ घटित हुई थी

  • सिद्धार्थ बोधिसत्व का तुषित देवलोक से देवी महामाया के गर्भ में प्रवेश
  • सिद्धार्थ बोधिसत्व का मुक्ति हेतु गृहत्याग
  • भगवान बुद्ध के द्वारा वाराणसी में दस हजार चक्रवालों को कम्पित करते हुए पंच भिक्षुओं को प्रथम उपदेश (धम्मचक्कप्पवत्तन सूत्र) का प्रवचन करना
  • राहुल कुमार का जन्म
  • भगवान बुद्ध सहित पंच भिक्षुओं का प्रथम वर्षावास वाराणसी के ऋषिपतन मृगदाय में (वर्तमान सारनाथ)
  • भिक्षुओं के वर्षावास का आरंभ दिवस

कृष्ण अष्टमी (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अष्टमी के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

अमावस्या (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अमावस्या के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

शुक्ल अष्टमी (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अष्टमी के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

पूर्णिमा (Uposath Day)

इस पूर्णिमा के दिन ये विशेष घटनाएँ घटित हुई थी

  • प्रथम धम्म संगीति का आरंभ अगस्त महीने के पूर्णिमा से हुआ था
  • भगवान बुद्ध का अग्र सेवक आनन्द भन्ते जी का अर्हत्व पाना

कृष्ण अष्टमी (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अष्टमी के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

अमावस्या (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अमावस्या के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

शुक्ल अष्टमी (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अष्टमी के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

पूर्णिमा (Uposath Day)

इस पूर्णिमा के दिन ये विशेष घटनाएँ घटित हुई थी

  • भिक्षुणी संघ का आरंभ

कृष्ण अष्टमी (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अष्टमी के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

अमावस्या (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अमावस्या के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

शुक्ल अष्टमी (Uposath Day)

भगवान बुद्ध के समय में उनके मार्ग पर चलने वाले अष्टमी के दिन अष्टांग उपोसथ शील धारण करते थे एवं अपने जीवन में अप्रमाण पुण्य जमा करते थे। यह उपोसथ शील अत्यंत उत्तम एवं निर्मल है। इसे पालन करने से मन में प्रसन्नता जागती है एवं शोक दूर होता है। अरहन्त मुनि लोगों का अनुसरण करते हुए यह उपोसथ शील पालन किया जाता है।

Office Hours

8:00 am – 8:00 pm
Tuesday through Sunday

Contact Us

Tel: +94762297871

Email: contact@buddharashmi.in

BuddhaRashmi © 2025. All Rights Reserved.