इस मन से बड़ा कोई मित्र नहीं एवं शत्रु भी नहीं...
अगर मन को संयंमित कर उसे सही दिशा दे दिया तो वह स्वयं एवं पर सबके कल्याण के लिए होता है।
लेकिन अगर गलत दिशा में गया तो सबके विनाश का कारण बनता है।
Venerable Guru Bhante jee
हजारों भिक्षुओं के गुरु...
लाखों श्रद्धालुओं के मार्गदर्शक...
हमारे गुरु भन्ते जी
बुद्ध कौन है?
‘बुद्ध कौन है’? यह पुस्तक बाजारों में पाये जाने वाले अन्य पुस्तकों से बिल्कुल भिन्न है। आजकल लोग पुस्तक को रोमांचक करने के लिये उसमें कुछ मेल-जोल भी कर देते हैं, परन्तु इस पुस्तक को त्रिपिटक के आधार पर बनाया गया है।
इस पुस्तक में तीन भाग है। पहले भाग में भगवान बुद्ध का वर्णन है। दूसरे भाग में उनका उपदेश है एवं तीसरे भाग में उनके ज्ञान को अमल कर जो लोग सुख-शांति पाये, उसका विवरण है।