मैत्री साधना महग्गत चेतोविमुत्ति मै वैर से मुक्त होऊँ… मै क्रोध से मुक्त होऊँ… मै ईर्ष्या से मुक्त होऊँ… मै दुख-पीड़ा से मुक्त होऊँ… मै सदा सुखी होऊँ… सदा सुखी होऊँ… सदा सुखी होऊँ… सभी दुखों से मुक्त होऊँ मेरे समान मेरे आसपास में रहने वाले सभी प्राणी वैर से मुक्त हो… क्रोध से मुक्त… (Read More)
