मैत्री साधना

महग्गत चेतोविमुत्ति

मै वैर से मुक्त होऊँ…

मै क्रोध से मुक्त होऊँ…

मै ईर्ष्या से मुक्त होऊँ…

मै दुख-पीड़ा से मुक्त होऊँ…

मै सदा सुखी होऊँ… सदा सुखी होऊँ… सदा सुखी होऊँ… 

सभी दुखों से मुक्त होऊँ

मेरे समान

मेरे आसपास में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस घर में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस गाँव में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस शहर में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस जिले में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस राज्य में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस देश में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

सभी देशों में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस धरती पर रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस संसार में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

इस ब्रह्माण्ड में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

सभी प्राणी सदा सुखी हो… सभी प्राणी सदा सुखी हो… सभी प्राणी सदा सुखी हो…

दो पैर वाले, चार पैर वाले, बहुत पैर वाले तथा बिना पैर वाले

जितने भी अनंत प्राणी है, वे सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

डरने वाले जितने भी प्राणी है तथा नहीं डरने वाले जितने भी अनंत प्राणी है।

बहुत बड़े शरीर वाले, मध्यम शरीर वाले, बहुत छोटे शरीर वाले जितने भी अनंत प्राणी है, वे सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

जो प्राणी दिखाई देते हैं, तथा जो प्राणी नहीं दिखाई देते हैं, दूर में जितने भी प्राणी हैं तथा पास में जितने भी प्राणी हैं, वे सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

अप्पमाण चेतोविमुत्ति

मै वैर से मुक्त होऊँ…

मै क्रोध से मुक्त होऊँ…

मै ईर्ष्या से मुक्त होऊँ…

मै दुख-पीड़ा से मुक्त होऊँ…

मै सदा सुखी होऊँ… सदा सुखी होऊँ… सदा सुखी होऊँ… 

सभी दुखों से मुक्त होऊँ

मेरे समान

पूर्व दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

दक्षिण-पूर्व दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

दक्षिण दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

दक्षिण-पश्चिम दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

पश्चिम दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

उत्तर-पश्चिम दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

उत्तर दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

उत्तर-पूर्व दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

ऊपर की दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

नीचे की दिशा में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

मेरे समान

दसों दिशाओं में रहने वाले सभी प्राणी

वैर से मुक्त हो…

क्रोध से मुक्त हो…

ईर्ष्या से मुक्त हो…

दुख-पीड़ा से मुक्त हो…

सदा सुखी हो… सदा सुखी हो… सदा सुखी हो…

सभी दुखों से मुक्त हो…

किसी के मन में और किसी के प्रति क्रोध न आए…

सभी लोगों में एकता बन जाए…

सभी लोग क्रोध को दूर करे…

मैत्री फैल जाए…

षांति फैल जाए…

सभी प्राणी सदा सुखी हो…

सभी प्राणी सदा सुखी हो…

सभी प्राणी सदा सुखी हो…

साधु ! साधु !! साधु !!!

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