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विस्मित घटना जो वैशाख पूर्णिमा के दिन घटित हुआ था…

पाली भाषा में ‘वेसाख’ का अर्थ वैसाख माह से है। संस्कृत में इसे ‘वैशाख’ कहा जाता है और सिंहल भाषा में इसे ‘वेसक’ कहा जाता है। वर्तमान में यह नाम ‘वैसाख’ के रूप में अत्यंत प्रसिद्ध है। यह उस महीने का नाम है। उसी महीने में आने वाली पूर्णिमा को भी ‘वैसाख बुद्ध पूर्णिमा’ कहा… (Read More)

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kausambi monks

कौशांबी में झगड़ा करने वाले भिक्षुओं की कहानी                                                

 6. बहुत से लोग यह नहीं समझ पाते कि झगड़ा करने से उनका ही नाश होता है। पुण्यवान सज्जनों, पुण्यवान बच्चों, भगवान बुद्ध चार आर्य सत्य बताने के लिए ही इस दुनिया में प्रकट होते हैं। जिस संसार में हम जन्म लेते और मरते हैं, उसे पार करने में हम इसलिए असमर्थ हैं क्योंकि हमने… (Read More)

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Kali Yakshini

काली राक्षसी की कहानी

नफ़रत से नफ़रत कभी खत्म नहीं होती, नफ़रत खत्म होती है मैत्री करने से…! उन दिनों हमारे भगवान बुद्ध श्रावस्ती के जेतवन विहार में विराजमान थे। उस शहर में एक युवा दंपति बहुत खुशी से रहते थे। उनका एक सुन्दर बच्चा हुआ। एक दिन इस युवा माँ ने एक अद्भुत दृश्य देखी। पालने में सो… (Read More)

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भिक्षु थुल्लतिस्स की कथा

भिक्षु थुल्लतिस्स की कथा गुस्से से सोचोगे तो कभी शांति नहीं मिलेगी मैत्री से सोचोगे तो हर पल शांति ही मिलेगी..! गुस्से से सोचोगे तो गुस्सा कभी शांत नहीं होगा मैत्री से सोचोगे तो गुस्सा तुरंत शांत हो जाएगा…! पुण्यवान सज्जनों, पुण्यवान बच्चो, आपको पता होगा हमारे भगवान बुद्ध बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद कपिलवस्तु… (Read More)

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कुमार मट्ठकुंडली की कहानी

2. पुण्य करोगे तो सुख ही मिलेगा ! पुण्यवान सज्जनों, पुण्यवान बच्चो, जब हमारे भगवान बुद्ध श्रावस्ती में विराजमान थे, तब वहाँ अदिन्नपुब्बक नाम का एक बहुत ही कंजूस पिता था। उसके इकलौते बेटे का नाम मट्ठकुंडली था। उसने अपने बेटे के लिए दुकान से कुंडल नहीं खरीदे। उसने क्या किया ? उसने सोने के… (Read More)

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चक्खुपाल थेर की कहानी – बड़ा आश्चर्य है पापों का फल मिलना !

पुण्यवान सज्जनों, उस समय श्रावस्ती में महा सुवण्ण नाम का एक धनी व्यापारी रहता था। उसका कोई संतान नहीं था। एक दिन जब वह घाट से स्नान करके वापस लौट रहा था, तो उसे एक विशाल वट वृक्ष दिखाई दिया, जिसकी शाखाएँ चारों ओर फैली हुई थीं । उसने सोचा ‘इस वृक्ष में महा बलशाली… (Read More)

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सेरिवाणिज जातक – सेरी नाम के एक व्यापारी की कहानी

पुण्यवान सज्जनो, पुण्यवान बच्चो, यह खूबसूरत जातक कथा आप सभी ने पहले भी सुनी होगी । इस जातक कथा की पृष्ठभूमि बहुत मूल्यवान सलाह है जिसे हम अभी तक नहीं जानते हैं । भगवान बुद्ध के समय श्रावस्ती में एक धार्मिक युवक था। वह समय-समय पर जेतवन आश्रम में प्रवचन सुनने जाता है। धीरे-धीरे, उसका… (Read More)

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Dhammachakkappavattana Sutta Pali Chanting

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स धम्मचक्कप्पवत्तन सुत्त एवं मे सुतं एकं समयं भगवा बाराणसियं विहरति इसिपतने मिगदाये तत्र खो भगवा पञ्चवग्गिये भिक्खू आमन्तेसि। द्वे मे भिक्खवे अन्ता पब्बजितेन न सेवितब्बा।        यो चायं कामेसु कामसुखल्लिकानुयोगो हीनो गम्मो पोथुज्जनिको अनरियो अनत्थसंहितो। यो चायं अत्तकिलमथानुयोगो दुक्खो अनरियो… (Read More)

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वाराणसी के महा शीलव राजा की कथा (महा सीलव जातक)

उस समय, भगवान बुद्ध श्रावस्ती के जेतवन में रह रहे थे, एक भिक्षु निर्वाण को साक्षात् करने के लिए लंबे समय से प्रयत्न कर रहा था, लेकिन उसे फल नहीं मिल सका। वह ध्यान लगाना और प्रवचन सुनना छोड़ दिया। यह जानकर, भगवान बुद्ध ने उस भिक्षु के मन को शांत करने और उसके प्रयासों… (Read More)

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चूल सुभद्रा के द्वारा की गई अरहंतों के गुण की वर्णना

1. शांत है इन्द्रियाँ उन श्रमणों की – मन भी है अत्यंत शांतचाहे बैठे हों या चलते हों – है आचरण परम शांतसंयंमित है आँखें, नीची नजरों वालें – अर्थसहित बात है करतेऐसे हैं मेरे श्रमणगण। 2. शरीर से होने वाले सारे कार्य – है परम पवित्रवाणी भी अत्यंत है निर्मल – नहीं भड़कता कोई… (Read More)

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