अशुभ साधना
इस शरीर में केश है,
जो सड़ जाने वाले स्वभाव से युक्त है…
दुर्गन्ध देने वाले स्वभाव से युक्त है…
गंदगी से भरे शरीर में स्थित है…
देखने में भी, स्पर्श करने में भी अच्छा नहीं लगता है…
इसलिए ये केश गंदा है… गंदा है… गंदा है… घृणित स्वभाव से युक्त है…।
इस शरीर में रोम है…
इस शरीर में नाखून है…
इस शरीर में दाँत है…
इस शरीर में त्वचा है…
इस शरीर में मांस है…
इस शरीर में नश है…
इस शरीर में हड्डी है…
इस शरीर में हड्डी-मज्जा है…
इस शरीर में किडनी है…
इस शरीर में हृदय है…
इस शरीर में कलेजा है…
इस शरीर में पित्ताशय है…
इस शरीर में अग्न्याशय है…
इस शरीर में फेफड़ा है…
इस शरीर में छोटी आंत है…
इस शरीर में बड़ी आंत है…
इस शरीर में आमाशय है…
इस शरीर में पखाना है…
इस शरीर में दिमाग है…
इस शरीर में पित्त है…
इस शरीर में कफ है…
इस शरीर में पीव है…
इस शरीर में खून है…
इस शरीर में पसीना है…
इस शरीर में चर्बी है…
इस शरीर में आँसू है…
इस शरीर में त्वचा का तेल है…
इस शरीर में लार है…
इस शरीर में नेटा है…
इस शरीर में हड्डियों के जोड़ो पर तरल पदार्थ है…
इस शरीर में मूत्र भी है,
जो सड़ जाने वाले स्वभाव से युक्त है…
दुर्गन्ध देने वाले स्वभाव से युक्त है…
गंदगी से भरे शरीर में स्थित है…
देखने में भी, स्पर्श करने में भी अच्छा नहीं लगता है…
इसलिए ये मूत्र भी गंदा है… गंदा है… गंदा है… घृणित स्वभाव से युक्त है…।
2 Comments
SUSHEN PANDIT
NAMO BUDDHAY GURU JI
Aaditya Kumar Sah
Namo buddhay. Sabka mangal ho.