‘बुद्ध कौन है’? यह पुस्तक बाजारों में पाये जाने वाले अन्य पुस्तकों से बिल्कुल भिन्न है। आजकल लोग पुस्तक को रोमांचक करने के लिये उसमें कुछ मेल-जोल भी कर देते हैं, परन्तु इस पुस्तक को त्रिपिटक के आधार पर बनाया गया है।

         इस पुस्तक में तीन भाग है। पहले भाग में भगवान बुद्ध का वर्णन है। दूसरे भाग में उनका उपदेश है एवं तीसरे भाग में उनके ज्ञान को अमल कर जो लोग सुख-शांति पाये, उसका विवरण है। 

         तथागत बुद्ध का जन्म भारत में हुआ। अतीत में उनके ज्ञान से अनगिनत लोगों का उद्धार हुआ। यहाँ तक कि भारत का महान राजा सम्राट अशोक ने भी उनके ज्ञान को नौ देशों में भिजवाया। किन्तु अब जिस भारत भूमि से ज्ञान का दीपक जला, वहीं अंधेरा सा छा गया।

         उनका जन्म राजपरिवार में हुआ था। राजा सुद्धोधन ने अपने पुत्र सिद्धार्थ को सुख में डुबोये रखा लेकिन जैसे ही उसने वृद्ध, रोगी, मृत एवं श्रमण का रूप देखा तभी से उनके मन में इससे मुक्त होने की चाह जागी। राजपाट छोड़, छः साल की कठोर दुख तपस्या के बावजूद भी जब उन्हे मुक्ति नहीं मिली तब मध्यम मार्ग को अपनाकर अनंत जन्मों में अर्जित किये पुण्य की महिमा से वे बुद्ध बन गये।

         वर्तमान में कितने बूढ़े एवं मृत व्यक्ति दिखाई देते हैं पर बुढ़ापा-मृत्यु की समस्या से मुख मोड़ लेते हैं क्योंकि हमें तत्काल ही सांसारिक वस्तुयें पुनः शाश्वत दिखने लगती है। इसी कारण भवचक्र में घूमते रहते हैं।

         उनका ज्ञान एक दर्पण की भांति है। जैसे हम दर्पण के समक्ष जाकर अपने चेहरे की गंदगी को साफ कर लेते हैं वैसे ही उनके ज्ञान के अनुसार अपने भीतर छिपे पापी विकारों को देख उसे दूर कर सकते हैं। मन को पवित्र एवं सुखी कर सकते हैं।

         एक बार एक व्यक्ति ने भगवान बुद्ध से पूछा “क्या नष्ट करने से कोई व्यक्ति सुख से सोता है”? भगवान बुद्ध ने उत्तर दिया “क्रोध को नष्ट करने से व्यक्ति सुख से सोता है।”

         उस व्यक्ति को उसकी समस्या का समाधान मिल गया। वह कहने लगा – अंधेरे में रहने वालों के सामने दिपक जलाकर दिखाना जैसा, भटके को मार्ग दिखाना जैसा, ढ़की हुई वस्तु को खोल कर दिखाना जैसा आपने मुझे ज्ञान दिया। वह उनके शरण में जा अपने जीवन की समस्या को पूर्ण समाधान पाया।

         भगवान बुद्ध का जीवन अद्भुत एवं निर्मल था। इस पुस्तक में उनके वैराग्य की छवि भली प्रकार से झलकती है। मनुष्यों के प्रति असामान्य करूणा उनके दिल में थी। मानवों को सत्य का बोध कराने के लिये उन्होंने जो अलौकिक ज्ञान का राज लोगों के सामने खोला, वो बड़ा ही अद्भुत है। उस अलौकिक ज्ञान का राज इस पुस्तक में दर्शाया गया है।

         बुद्ध बनने से उन्होंने जो सर्वज्ञता ज्ञान प्राप्त किया। उस सर्वज्ञता ज्ञान को 18 हजार सूत्रों में कहकर बताना; यह हम सबको चौंकाने वाली बात है।

         बुद्ध के शिष्यों का मन कैसा था ? विचारधारायें कैसी थी ? कैसे उन्होंने ज्ञान का बोध किया ? कैसे वे अपने मन की गंदगी को मिटाने में सक्षम रहे ? जब आप उनकी ये कला जानेंगे तब बिना विस्मित हुये नहीं रह पायेंगे।

         जैसे कमल पर सूर्य की किरणें पड़ने के साथ ही कमल खिल उठता है, वैसे ही गुणों से परिपक्व चित्त वालों को जैसे ही बुद्ध का अद्भुत ज्ञान सुनाई देता है, उनका अविद्यारूपी अंधकार दूर हो जाता है।

         जैसे वृक्ष बिना भेद-भाव किये सबको छाया प्रदान करती है, पानी सबकी प्यास को बुझाता है, नदी सबके शरीर के मैल को धो डालती है, वर्षा सबके शरीर के दाह को मिटाती है वैसे ही भगवान बुद्ध ने प्राणियों के प्रति बिना भेद-भाव किये सबके लिये समान रूप से अमृत ज्ञान की गंगा बहायी है।

         कोई मानव दीर्घायु तो और कोई अल्पायु, सुन्दर-कुरूप, अमीर-गरीब, कुलवान-कुलहीन, रोगी-स्वस्थ, प्रतापवान-प्रतापहीन किन कर्मों के फलस्वरूप होता है। इसका विश्लेषण तो इस पुस्तक में विस्मित तरीके से बताया है। मनुष्यों के भीतर भवसंसार में भटकने की अनेक प्रकार की जो सूक्ष्म कड़ियाँ है, उसे पहचान कर तोड़ने का जो अद्भुत तरीका बताया है, वह तो सामान्य मनुष्य के विचार धाराओं से परे है।

         इस पुस्तक में उनके जीवन चरित्र के साथ-साथ ज्ञान को दर्शाया गया है ताकि लोग उस ज्ञान से अपने मन में आने वाले लोभ, क्रोध, मोह पे काबू पा सके।

         इस पुस्तक को लिखने का केवल यही एक मकसद है कि कम से कम भारतीय यह जान सके कि वास्तव में बुद्ध कौन थे ? उनका मार्ग कैसा था ? कैसे उस मार्ग से देव-मानव का कल्याण साधा।

6 Comments

  • Aryan Sahu
    Posted September 16, 2024 7:58 pm 0Likes

    I want this book.
    Do we have to buy it or is there any other option to get it?

    If we can get this book only by purchasing it, then what is the Price ?

  • Aryan Sahu
    Posted September 16, 2024 8:00 pm 0Likes

    Is your book available in our country so that we can get it easily or do we have to order it from your country?

  • sanjay singh
    Posted December 28, 2024 5:38 am 0Likes

    buddha kaun hein?…. ek adabhut kitaab he ….ye kitaab hr buddha shravak ko padna chahiye

  • tlover tonet
    Posted April 13, 2025 12:15 am 0Likes

    Thanks, I have recently been searching for info about this subject for a long time and yours is the greatest I have found out so far. But, what about the bottom line? Are you certain concerning the source?

  • Harshal Randhir
    Posted April 26, 2025 8:53 pm 0Likes

    आपके यूट्यूब व्हिडिओज अती सुंदर हैं आप कृपया करके बंद ना करे
    नमो बुद्धाय 🙏

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