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बुद्ध वन्दना

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स।
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स।
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्स।

उन भगवान अर्हत सम्यक् सम्बुद्ध को मेरा नमस्कार हो ।
उन भगवान अर्हत सम्यक् सम्बुद्ध को मेरा नमस्कार हो ।
उन भगवान अर्हत सम्यक् सम्बुद्ध को मेरा नमस्कार हो ।

साधु ! साधु !! साधु !!!

त्रिशरण

बुद्धं सरणं गच्छामि
धम्मं सरणं गच्छामि
संघं सरणं गच्छामि।

मैं बुद्ध की शरण में जाता हूँ।
मैं धम्म की शरण में जाता हूँ ।
मैं श्रावक संघ की शरण में जाता हूँ ।

दुतियम्पि बुद्धं सरणं गच्छामि
दुतियम्पि धम्मं सरणं गच्छामि
दुतियम्पि संघं सरणं गच्छामि।

मैं दूसरी बार भी बुद्ध की शरण में जाता हूँ ।
मैं दूसरी बार भी धम्म की शरण में जाता हूँ ।
मैं दूसरी बार भी श्रावक संघ की शरण में जाता हूँ ।

ततियम्पि बुद्धं सरणं गच्छामि
ततियम्पि धम्मं सरणं गच्छामि
ततियम्पि संघं सरणं गच्छामि

मैं तीसरी बार भी बुद्ध की शरण में जाता हूँ ।
मैं तीसरी बार भी धम्म की शरण में जाता हूँ ।
मैं तीसरी बार भी श्रावक संघ की शरण में जाता हूँ

साधु ! साधु !! साधु !!!

पंच शील

1. पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं प्राणी हत्या नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

2. अदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं चोरी नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

3. कामेसुमिच्छाचारा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं ब्रह्मचारी पालन करने का शील ग्रहण करता हूँ

4. मुसावादा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं झूठ नहीं बोलने का शील ग्रहण करता हूँ

5. सुरामेरय मज्जपमादट्ठाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

साधु ! साधु !! साधु !!!

अष्ट उपोसथ शील

1. पाणातिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं प्राणी हत्या नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

2. अदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं चोरी नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

3. अब्रह्मचरिया वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं ब्रह्मचारी पालन करने का शील ग्रहण करता हूँ

4. मुसावादा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं झूठ नहीं बोलने का शील ग्रहण करता हूँ

5. सुरामेरय मज्जपमादट्ठाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

6. विकालभोजना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं दोपहर (दिन के बारह बजे से अगले दिन सूर्योदय तक का समय) के बाद भोजन नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

7. नच्चगीत वादित विसूकदस्सन माला गन्ध विलेपन धारण मण्डन विभूसनट्ठाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं नाच-गाना, बजाना और अशोभनीय विडियो को देखने तथा क्रिम पॉउडर माला और सुगन्धित लेपन आदि करने व श्रंगार नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

8. उच्चासयन महासयना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि।

मैं ऊंची और विलासितापूर्ण आसनों का इस्तेमाल नहीं करने का शील ग्रहण करता हूँ

साधु ! साधु !! साधु !!!