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विपस्सना करने से पहले ये जरूर जानें

विपस्सना करने से पहले ये जरूर जानें

ये विपस्सना के बारे में धर्म चर्चा का दूसरा भाग है। इसमें सूत्र देशनाओं के अनुसार बहुत सारे कारणों के बारे में बताया गया है। पिछले विपस्सना के धर्म चर्चा को देखकर लोग जो कुछ प्रश्न पूछे, उसका उत्तर भी इसमें दिया गया है...
विपस्सना ध्यान सही ढंग से कैसे करें?

विपस्सना ध्यान सही ढंग से कैसे करें?

विपस्सना के बारे में आजकल बहुत लोग खोजते हैं। बहुत बार लोग शिविर भी करते हैं । लेकिन बहुत सारे लोगों को भगवान बुद्ध जी के द्वारा बतायी हुई विपस्सना के बारे में नहीं मालूम। आखिर विपस्सना क्या है ? विपस्सना को करने के लिए क्या करना होगा ? विपस्सना ध्यान का पहला कदम क्या...
आनापानसति साधना

आनापानसति साधना

आनापानसति ध्यान (अपने श्वास के प्रति सति-स्मृति) भगवान बुद्ध ने महा सतिपट्ठान सूत्र में आनापानसति ध्यान के बारे में ऐसा विस्तार किया है। ” हे भिक्षुओं ! इस धर्म पर चलने वाला श्रद्धालु व्यक्ति इस शरीर के सत्य स्वभाव को बोध करते हुए शरीर के प्रति विपस्सना कैसे...
अशुभ साधना

अशुभ साधना

अशुभ साधना इस शरीर में केश है, जो सड़ जाने वाले स्वभाव से युक्त है… दुर्गन्ध देने वाले स्वभाव से युक्त है… गंदगी से भरे शरीर में स्थित है… देखने में भी, स्पर्श करने में भी अच्छा नहीं लगता है… इसलिए ये केश गंदा है… गंदा है… गंदा...
मैत्री साधना

मैत्री साधना

मैत्री साधना महग्गत चेतोविमुत्ति मै वैर से मुक्त होेऊँ… मै क्रोध से मुक्त होेऊँ… मै ईष्र्या से मुक्त होेऊँ… मै दुख-पीड़ा से मुक्त होेऊँ… मै सदा सुखी होेऊँ… सदा सुखी होेऊँ… सदा सुखी होेऊँ… सभी दुखों से मुक्त होऊँ मेरे समान मेरे...