यानिध भूतानि समागतानि – भुम्मानि वा यानि व अन्तलिक्खे । सब्बेव भूता सुमना भवन्तु – अथोपि सक्कच्च सुणन्तु भासितं ।। जो कोई प्राणी यहाँ उपस्थित है / धरती पर या आकाश में उन सबके कल्याण के लिए / हमारे इस कथन को भली प्रकार से सुनें । तस्मा हि भूता निसामेथ...